Wednesday, June 2, 2010

नैनो कि दुःख भरी जिंदगी


आज बहुत दिनों बाद मैंने रोड पर सभी करों की छोटी बहिन या कहूं तो बच्चे को देखा , अरे समझ तो गए ही होंगे आप की मै बात किसकी कर रही हूँ, जी हाँ अपनी प्यारी छोटी कार "टाटा नैनो"। मै तो बिलकुल डर ही गयी थी कि इस बेचारी का क्या होगा...!!!!! सही सलामत घर पहुँच जाये , यही प्रार्थना करते हुए आईअब शायद आप सोच रहे होंगे कि ऐसा क्यू..........अगर आप लखनऊ के होंगे तो बहुत आसानी से समझ जायेंगे और अगर नहीं तो मै समझा देती हूँ....... माशाअल्लाह क्या कार चलते हैं यहाँ पर लोग, ऐसा लगता है कि हर किसी को किसी प्रोग्राम में चीफ गेस्ट बन कर पहुचना है, उफ़ !!! ये क्या कह दिया मैंने, चीफ गेस्ट कौन सा बहुत टाइम पर पहुँच जाते हैंलखनऊ कि रोड पर आपको बहुत अच्छी और महँगी कार मिल जाएगी देखने को...और कार चलाने वाले और कमाल केअब आज ही देखिये टवेरा, स्कॉर्पियो और पजेरो जैसी कार के बीच में हमारी सस्ती, सुन्दर और छोटी उम्र कि टाटा नैनो बहुत संघर्ष करती दिखाई दी, पहले तो इनकी बड़ी साइज़ से फिर इनके मालिकों की चलाने की तकनीक से मुझे तो बड़ी दया रही थी उसकी इस हालत पर.......... पर कुछ कर नहीं पाई मैलेकिन जब इसके जन्मदाता ही कुछ नहीं कर पाए इसके लिए तो मै भी क्या कर सकती हूँअब आज फिर से एक बार इसका घर बदल दिया गया और कुछ नहीं कर पाया कोईकभी सिंगूर कभी सानंद ............ कुछ स्थिरता ही नहीं दिखती इसकी जिंदगी में....... ना ही रोड पर और ना ही इसकी पर्सनल जिंदगी में मतलब की इसके निर्माण चेत्र में...... रोड पर लोग चलने नहीं देते और किसी एक जगह इसे बनने नहीं देतेबेचारी नैनो , क्या बुरी किस्मत पाई है....!!!!! मै भगवन से प्रार्थना करूंगी कि ये साल इसके लिए खुशियाँ लाये और इसे भी बिना किसी रूकावट के चलने और बनने दोनों का मौका मिले