Friday, October 15, 2010

काश ऐसा होता.....!!!!!!


जाने अनजाने कभी कभी जिंदगी हमें ऐसी राह पर खड़ा कर देती है , जहां हम ये भी नहीं सोच पाते की हमें आगे बढ़ना है या कुछ पल का ठहराव लेना है । वैसे तो जिंदगी चलने का ही नाम है । समय , रेत और पानी की तरह हाथ से निकलता ही जाता है , जिसे चाहकर भी कोई अपनी मुट्ठी में कैद नहीं कर पता और बस जो इस समय की गतिके साथ आपने को ढाल लेता है, वही बिना किसी स्पीड ब्रेकर के आगे बढ़ता जाता है ।
इसी तेज़ रफ़्तार जिंदगी में अक्सर कुछ ऐसी गलतियाँ भी जुडती जाती हैं , जिन्हें शायद हम अपनी जिंदगी से कभी अलग नहीं कर पाते................. यही सोचते हुए मन में एक ख्याल आया कि काश कंप्यूटर सिस्टम की तरह हमारी जिंदगी में भी " अन्डू " का विकल्प होता...... जिससे हम अपनी जिंदगी के उन पलों को मिटा सकते , जिन्हें हम कभी याद नहीं करना चाहते ......... रिवर्स और फॉरवर्ड के विकल्प तो होने ही थे कि जब ये सुपरफास्ट जिंदगी हमे बहुत बोर करने लगे तो हम इसे फॉरवर्ड कर आगे बढ़ सकते और जब उन मीठेपलों की जिन्हें हम फिर से जीना चाहते हैं याद आये तो रिवर्स करके उनकी एक झलक पा सकते............. और कम -से- कम इस दौड़ती भागती जिंदगी में थोडा सा ठहराव लाने के लिए पॉज विकल्प की व्यवस्था होनी ही थी...... हाँशायद कट, कॉपी , पेस्ट और एडिट के विकल्प तो जिंदगी में रंग ही भर जाते , मगर... फिर वही कि काश ऐसा होता
अरे हाँ एक्सिट और न्यू के दो महत्वपूर्ण विकल्प के तो कहने ही क्या....., इसे तो पृथ्वी के समझदार प्राणियों ने सबसे अच्छे तरीके से सीखा है। कंप्यूटर सिस्टम कि तरह ही असल जिंदगी में ये दो विकल्प सबसे आसान हैं, क्यूकि यहाँ भी जब जिसका मन हुआ किसी को अवतरित किया और जिसका मन भर गया वो I QUIT " कह इस दुनिया से एक्सिट हो लिया....!!
और अगर आप सोच रहे हैं कि मै कंप्यूटर के पीछे क्यों पड़ गयी हूँ तो सच तो यही है कि लोगोंकी आजकल कि जिंदगी में रिश्तों , खाने और पीने से ज्यादा कंप्यूटर का स्थान बनता जा रहा है और जब ये मशीन हमारी जिंदगी से इतना ज्यादा जुड़ रहा है तो क्यों ना हम अपनी जिंदगी को इससे जोड़ कर देखें.......
खैर ये तो मैंने अपने कल्पनाशीलता के पंख में थोडा "vibration" ला कर एक खुशनुमा जिंदगी की कल्पना कर डाली और लगे हाथों अपने कंप्यूटर ज्ञान का सूक्ष्म प्रदर्शन भी कर लिया ....मगर फिर भी मन मेंएक बात तो रह ही जाती है...... कि " काश ऐसा होता................"
.....!!!!!!! "

3 comments:

  1. बहुत बढ़िया प्रतिज्ञा इसको पढकर मुझे ऐसा लगा कि ये बात मेरे दिमाग में क्यों नहीं आये पर आप से आगया लेकर इस विषय पर मैं भी कुछ जरुर लिखूंगा आप बताइयेगा कि कैसा लिखा है शुभकामनायें

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  2. thanx a lot sir....
    aur sir mjhe pta hai ap jo bhi likhenge behtareen likhenge.........

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  3. hi mere paas bhi mene esi bhot chije likhi he on life plzz guide me what i do? Mithilesh.vyas@gmail.com plzz contect me

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